Thursday, 19 February 2015

prakash

मेरा नाम है प्रकाश। मैं महाराष्ट्र का हूँ और अन्तर्वासना का वाचक हूँ। आप सभी लोगों की कहानियाँ पढ़ने के बाद मुझे ऐसा लगा कि मैं भी अपना एक अनुभव आप सब से बांटूँ !
बात एक साल पहले की है। एक लड़का गजानन वो रिवर्स गियर था, जब तक कोई उसकी गांड नहीं मारता तब तक उसका लौड़ा खडा नहीं होता था। वो हमेशा मेरे से अपनी गांड मराने के लिए बेताब रहता था।
तो एक दिन मैंने उसको कहा- चल ! आज तेरी ख्वाइश पूरी कर देता हूँ !
ऐसा कहते ही वो ख़ुशी के मारे पगला सा हो गया।
मैंने उसको बता दिया कि मेरे घर के पीछे मेरा ही मकान है, जो किराये से दिया था, उसमें एक खोली खाली थी, उसे वहां पर दोपहर के ४ बजे बुलाया। वह सही समय पर वहां आ गया। तो पहले मैंने कहा कि मेरा लौड़ा चूस ! चूसना पड़ेगा ! ओर मेरी भाभी के कपडे पहनकर ओरत जेसा सजना पडेगा।
वो उतावला हो गया, ओर मेरी भाभी के कपडे पहनने लगा, सबसे पहले उसने भाभी की काली ब्रा पहनी,(36) फिर (38) की पेंटी पहनी, ऊसकी छाती थोरी ऊठी होने की वजह से ब्रा पुरी फिट आ रही थी।जिससे वह बहुत सेक्सी लग रही थी, फिर उसने भाभी की लाल सलवार पहनी उसका नाडा बांधा फिर शुट ,, आहहह क्या सेक्सी लग रहा था वो , ऊसे देख कर मेरा खडा तन्न हो गया।
फिर उसने अलमारी में से लिपिस्टिक लगाई , फिर काजल, फिर मेने कहा चल ईधर आ, ओर मेरा लँड चुस।
वो तो उतावला हो रहा था चूसने के लिए, मेरा लौड़ा तो पहले से ही तैयार था, यह मेरा पहली बार था समलिंगी सेक्स करने का।
मैंने अपनी पैंट की जिप खोली तो उसने मेरा लौड़ा ७” लम्बा ३” मोटा था देखा और बहुत खुश हुआ। उसने बड़े प्यार से मेरे लौड़े को मुंह में ले लिया। वह बड़े प्यार से मेरा लौड़ा चूस रहा था, मुझे भी बड़ा मजा आ रहा था क्यूंकि मैं पहली बार अपना लौड़ा किसी से चुसवा रहा था। मैं तो सातवें आसमान में उड़ रहा था। वो उतने ही प्यार से मेरा लौड़ा चूस रहा था। उससे मेरी अह ..आह ..अह .. निकल पड़ी।
इस तरह से करीबन १/२ घंटे तक चुसाई का कार्यक्रम चलता रहा। उसके बाद मैं उसके मुंह में ही झड़ गया, उसने मेरा पूरा रस पी लिया। उसके बाद वो अपनी गाण्ड मेरी तरफ़ करके खड़ा हो गया तो मैंने उसकी गांड पर हाथ फेरा ओर कहा जानेमन तुम्फ़िहे र से लौड़ा चूस कर खडा करना होगा।
तो उसकी थोड़ी सी चुसाई करने पर मैं फिर से तैयार हो गया।ओर मेने उसकी सलवार का नाडा ढीला करके सलवार निचे की, ओर काली पेंटी उतार दी। फिर उसके थूक से मेरा लौड़ा गीला करके थोड़ा थूक उसकी गांड पर लगाया। मैंने अपना लौड़ा उसकी गांड के छेद पर लगा के एक धक्का लगाया तो मेरा लौड़े का सुपाड़ा ही उसकी गांड में गया। उसने जोर से चीख मारी क्यूंकि उसको इतना बड़ा लौड़ा मिला नहीं था इसलिए उसे ज्यादा दर्द हुआ था।
फिर और एक धक्का मारा तो मेरा आधा ही लण्ड उसकी गांड में गया, फिर आराम आराम से उसकी गांड पर धक्के मारता मारता पूरा लण्ड उसकी गांड में डाल दिया। मैं भी पहली बार किसी की गांड मार रहा था इसलिए मुझे भी बहुत ही मजा आ रहा था।
वो जोर - जोर से चिल्लाने लगा आहहह् आराम से जानू कही में मर ना जाऊ,
उसके बाद जो जम कर उसकी गांड की चुदाई की, १/२ घंटे तक उसकी गांड मारता रहा। ऊसकी ब्रा ऊतारकर ऊसकी चुचिया खुब मसली , कया बताऊ आपको एसा लग रहा था जेसै की किसी लडकी की ही गांड मार रहा हु।उसके बाद मैं उसे बोला कि अब मैं झड़ने वाला हूँ तो उसने कहा- उसे मेरी गांड में नहीं, मुंह में झाड़ दो !
पर यह तो मेरा पहली ही गांड मरने का मौका था इसलिए मैंने कहा- नहीं ! मैं अभी गांड में ही डालूंगा ! तू बाद में मेरा लण्ड मुंह में ले लेना ! ऐसा कहते ही मैंने ५-६ और तेज धक्के मार के उसकी गांड में ही मेरा पूरा लावा डाल दिया। बाद में उसने मेरे लण्ड को मुंह में ले के अच्छी तरह से साफ किया और चूसता रहा। १/२ घंटे बाद और मैं झड़ गया।
इस तरह से मैंने उसकी गांड मार के उसकी प्यास बुझाई।
इसके बाद यह सिलसिला चलता रहा।वह हर
१५ दिन बाद वो मुझ से ओरत बनकर अपनी गांड मरवाता था।

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