Tuesday, 19 September 2017

amit

मेरा नाम अमित है पर दिल से में संध्या हु ..
मैं बिहार से हूँ लेकिन पिता जी के काम की वजह से हम लोग यहाँ गुजरात मैं रहते हैं.मैं १२ तक पढ़ाई की है और अभी एक छोटी सी नौकरी करती हूँ,मेरी उम्र २४ साल हैं और मैं एक बॉटम हूँ जो दिल से एक लड़की है ..जी हाँ मुझे एक लड़की बन कर रहना बहुत पसंद है और सपना है काश सच में अपनी जिंदगी एक लड़की बन कर ही बिताउ.
हमारी घर की आर्थिक हालत ठीक नहीं है और बचपन में काफी गरीबी देखि हमने.आज में आप लोगो को ये बताने वाली हु की में बॉटम CD कैसी बनी. में जब १४ साल की हुयी तो मेरे घर वालो ने कहा की मुझे भी कही काम करके पैसे कमाने चाइये,इसलिए में अपने एक दोस्त के पास गयी जिसका नाम था नीलेश.वो मेरा कर्रीबी दोस्त था और हम स्कूल साथ गए थे,उसने स्कूल छोड़ कर ..पटना जा कर काम करना शुरू कर दिया था …और जब वो गाँव आया तो में उसके पास जा कर खुद के लिए कोई काम दिलाने को कहा और उसने मुझे रात में मिलने को कहा.
रात को खांना खा कर हम दोनों गाओ के पोखरे पर बेथ कर बाटें करने लगे..और उसने मुझे बताया की वो असल में एक लौंडा है ..और लड़की बन कर लोगो का दिल बहलत्ता है और पैसे कमाता हैं.मुझे तो ये सुन कर सदमा सा लगा ..लेकिन उसने धीरे धीरे मुझे सब समझाया और बताया की वो बड़ी आसानी से महीने का २० से २५ ००० कमा लेता है.इतनी बड़ी रकम तो मेने कभी देखि भी नहीं थी.उसने कहा की में भी उसके साथ चलु और ये सब करू ?
मेने उसको कहा सुबह मेरे घर आ कर मेरे माता पिता से बात करे.सुबह वो आया और उसने ये सब उनको बताया …पहले तो माँ बाप राज़ी नहीं हुए लेकिन महीने २० से २५००० सुन कर मान गए ..बस फिर क्या दो दिन बाद हे में नीलेश के साथ उसके घर पटना चल दिया . पहले दिन पटना आ कर हमने दिन भर आराम किया और रात को खा पि कर हम रूम में बैठे और नीलेश ने मुझे उसके सारे लड़कियों के कपड़े और मेकअप का सामान दिखाया और खुद पहन कर लड़की बन कर तैयार हो कर भी दिखाया और मुझे डांस की तालीम भी दी,किस तरह से लटके झटके मारने है,किस तरह से भीड़ में किसी को अपनी और आकर्षित करना है .सब कुछ बताया…और सुबह ४ बजे हम थक कर सो गये.
दोपहर लेट उठ कर हमने सब काम निपटाया और फिर नीलेश मुझे बाजार ले गया और हमने मेरे लिए लड़कियों वाले कपड़े,मेक उप का सामान और सब कुछ लिया,शाम तक हम रूम पर फिर से आये ,खा पि कर फिर नीलेश ने मुझे नाहा कर आने को कहा और फिर मुझे कपडे पहनाने लगा,मुझे बड़ा अजीब लग रहा था,पेंटी,पेटीकोट,ब्लाउज,साडी फिर चुडिया,बिंदी,पायल,लिपस्टिक,ये सब पहना कर उसने मुझे आईना दिखाया तो मुझे तो खुद पर यकीन नहीं हुआ….में पूरी तरह लड़की लग रहा था. आप यह Desi Gay Sex Story indiangaysite.com पर पढ़ रहे हैं!
नीलेश ने मुझे बिठाया और समझाया की यहाँ सिर्फ नाच नहीं होगा,मुझे लोगो को शारीरिक सुख भी देना होगा.मेने पूछा वो कैसे तो वो बोलै तू उनके लिए एक लड़की हे है बस तुझे योनि नहीं, गुदा है और वो लोग उसी में मैथुन करके खुद की प्यास भुजा लेंगें और इसके पैसे अलग से देंगे.मुझे थोड़ा अजीब लगा ..लेकिन मेने उससे कहा मुझे ये सब नहीं आता ..वो बोला बहुत आसान है..जैसे डांस सिखाया ये सब भी सिख दूंगा तुझे ..में खुस हो गयी ..और पूछा कब ??तो बोला अभी सिख ले न ..मेने हाँ बोलै और वो उठ कर ..रूम का दरवाजा अंदर से बंध कर लिया.
नीलेश ने मुझे पहल सब बताया..मर्द उसके साथ क्या क्या करते है,उसके होठ चूसते है,गालो को चूमते हैए,उसकी चूची (बूब्स) को चूसते हैं,उसकी गुदा में लिंग डाल कर मैथुन करते है और कभी कभी अपना वीर्य उससे पिलाते हैं और कई बार उससे मुख मैथुन करवाते हैं,में बड़ी हैरानी से ये सब सुन रही थी और मुझे सुन कर तो अच्छा लग रहा था लेकिन डर भी,उसने कहा में न दारू और वो मुझे ये सब करके बताइएगा.
फिर उसने सबसे पहले मेरे चहेरे को हाथो में लिया और मेरे माथे को चुम लिया…मुझे तो बिजली सी कौंध गयी और फिर धीरे धीरे वो मेरी आँखों को फिर नाक को और फिर गालो को चूमने लगा,फिर उसने मुझसे पूछा ..कैसा लग रहा है ??में आँखें बांध रख हे बोली …आज तक इतना अच्छा कभी नहीं लगा नीलेश ..और फिर उसने कहा ..अब और भी अच्छा लगेगा,,और इतना बोल आकर उसने अपने होठ मेरे होठो पर रख दिए…
मुझे लगा मानो किसी ने मेरे दोनों चूची में करंट लगा दिया हो…मुझे इतना अच्छा लगा और कुछ देर बाद में भी उसके होठो को चूसने लगी…करीब १० से १५ मिनट तक हम यही करते रहे और फिर अलग हुए …में इतना शर्मा गयी की उठा कर जाने लगी तो नीलेश ने मेरा हाथ पकड़ कर बिठा लिया और बोलै..अभी तो शुरू भी नहीं किया सब तू कहा जारही है .में निचे देख कर मुस्कुराने लगी …उसने फिर कहा …चलो आगे का सबक सिख लो और मुझे अपनी गोदी में लेटने दो,फिर वो मेरी गोदी में आ गया और कहा मुझे की अपने ब्लाउज को ऊपर करो और एक निप्पल बाहर निकालो,मेने किया फिर नीलेश ने थोड़ी देर मेरे चूची को सहलाया और फिर उस पर अपनी जीब से झेड़खानी करने लगा.
में सिसकियाँ लेने लगी तो वो मुस्कराने लगा …और बोला तू तो सच में औरत हे रे ..और हम दोनों हसने लगे ..फिर अचानक से उसने मेरे निप्पल को मु में ले लिए और हौले हैले चूसने लगा .
और में तो बस आँखें बंध करके सिसकियाँ लिए जा रही थी ..उसने बारी बारी से मेरे दोनों चूची को चूस चूस कर लाल कर दिया …और फिर उसने मुझे कहा में अपनी ब्लाउज उतार लूमेने उतार ली तो उसने मेरा एक हाथ ऊपर किया और अपनी जीब मेरी बगल (खाँख को चाटने लगा..में तो पागल सी हो गयी और वो मेरी दोनों खाँख को चाटता रहा

फिर उसने मुझे बिस्तर पर लेट जाने को कहा और में लेट गयी और फिर उसने मेरी नाभि में जीब डाल कर उससे चाटने लगा…मुझे तो लगा आज में खुसी से पागल न हो जाऊ ..फिर उसने मुझे उठने को कहा और खुद बिस्तर पर बेथ गया दिवार के सहारे ..फिर उसने कहा अब तेरी बारी चूसने और चूमने की …और फिर मुस्कुरा कर अपनी लिंग को बहार निकाला
दैइया रे.एक दम कला लम्बा सा लिंग था उसका..में बोली क्या करू ??तो वो बोलै ..लॉलीपॉप की तरह चूस ..में फिर उनके लिंग को हाथ में ले कर सहलाने लगी और फिर उसके लिंग के आगे के भाग को चूमा…मुझे बहुत नमकीन लगा उसका स्वाद मानो पीसने को चूस रही हूँ और हल्का हल्का वीर्य भी था लेकिन में बिना कुछ सोचे..पुरे लिंग को धीरे धीरे मु के अंदर ले कर चूसने लगी …और मुझे अब उसका स्वाद अच्छा लगाने लगा …और उधर नीलेश अब सिसकियाँ ले रहा था ..और उस बहुत अच्छा लग रहा था ..
फिर उसने मुझे बिस्तर पर लेट जाने को कहा और में लेट गयी और फिर उसने मेरी नाभि में जीब डाल कर उससे चाटने लगा…मुझे तो लगा आज में खुसी से पागल न हो जाऊ ..फिर उसने मुझे उठने को कहा और खुद बिस्तर पर बेथ गया दिवार के सहारे ..फिर उसने कहा अब तेरी बारी चूसने और चूमने की …और फिर मुस्कुरा कर अपनी लिंग को बहार निकाला
दैइया रे.एक दम कला लम्बा सा लिंग था उसका..में बोली क्या करू ??तो वो बोलै ..लॉलीपॉप की तरह चूस ..में फिर उनके लिंग को हाथ में ले कर सहलाने लगी और फिर उसके लिंग के आगे के भाग को चूमा…मुझे बहुत नमकीन लगा उसका स्वाद मानो पीसने को चूस रही हूँ और हल्का हल्का वीर्य भी था लेकिन में बिना कुछ सोचे..पुरे लिंग को धीरे धीरे मु के अंदर ले कर चूसने लगी …और मुझे अब उसका स्वाद अच्छा लगाने लगा …और उधर नीलेश अब सिसकियाँ ले रहा था ..
और उस बहुत अच्छा लग रहा था .. फिर वो किचन से oil लाया और मुझसे कहा अब सबसे जरूरी सबक सिख.और बिस्तर पर मुझे चारो हाथो पैरो पर कुतिया की तरह करके मेरी साडी और पेटीकोट को उप्पर करके मेरी गुदा में आयल लगाने लगा और उससे हलके हलके सहलाने भी लगा फिर उसने अपनी एक ऊँगली डाली और मुझे हल्का सा दर्द हुआ थोड़ी देर बाद उसने दो ऊँगली डाली और मुझे और दर्द होने लगा..लेकिन थोड़ा थोड़ा अच्छा भी लगाने लगा था
फिर उसने कहा देख अब इसमें में अपने लिंग को डालूंगा तुझे दर्द होगा लेकिन सहन कर लेना .समझी ?
में है में सर हिला दिया उसने धीरे से अपने लिंग को मेरी गुदा पर रख कर धीरे धीरे अंदर किया और झटके से अंदर डाल दिया ..मेरी तो चीख निकल गयी लेकिन वो नहीं माना और अंदर बहार करता रहा ..मुझे दर्द भी हो रहा था और कभी कभी अच्छा भी लग रहा था…लेकिन कुछ देर बाद मुझे मह्सुश होआ मेरी गुदा में कुछ पानी जैसा बह रहा है..वो उसका वीर्य था …और आज में एक औरत बन गयी थी ..

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